भारत में गूगल कब आया, यह सवाल हमेशा से हमारे मन में रहा है। इस सवाल का उत्तर तक पहुंचने के लिए हमें इतिहास की ओर मुड़ना होगा, जहां हम देखेंगे कैसे गूगल ने भारत में अपने पैर जमाए और इसे हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बना दिया।
प्रारंभ में, 1997 में, गूगल ने अपना पहला कदम भारतीय भूमि पर रखा था। तब से लेकर, यह न केवल एक सर्च इंजन है, बल्कि एक पूरे एकोसिस्टम का हिस्सा बन गया है जो हमारे दैनिक जीवन को सरल और संबद्ध बनाता है। चलिए, इस यात्रा में भारत में गूगल के आगमन की एक नजर डालते हैं।
Top 10 भारत में गूगल कब आया
1997: सर्च का आरंभ
2004: गूगल इंडिया का आरंभ
2007: गूगल इंडिया का ग्रोथ
2010: एंड्रॉयड आगमन
2014: इंटरनेट सामाजिकता
2016: डिजिटल पेमेंट्स का आरंभ
2018: गूगल ट्रांसलेट का सुधार
2020: कोविड-19 में साहय्यक
गूगल ने कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीय उपयोगकर्ताओं को सहायक बनने के लिए अपनी सेवाओं को तेजी से अपग्रेड किया और सुरक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक सहायता में योगदान किया। गूगल ने कोविड-19 संकट के समय में भारतीय लोगों के साथ सजगता और सहानुभूति में भूमिका निभाई है, जिससे लोगों को मुश्किल समयों में समर्थन मिला है।
गूगल ने अपनी सेवाओं को तेजी से अपग्रेड करके कोविड-19 से जुड़ी जानकारी और सुरक्षा निर्देशों को उपयोगकर्ताओं के लिए सहज और समझदार बनाया है। इसके माध्यम से लोग सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक सूचना प्राप्त कर सकते हैं और अपनी स्वास्थ्य से जुड़ी जरूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
गूगल ने इस महामारी के समय में भारतीय समुदाय के साथ जुड़कर सामाजिक सहायता कार्यों में भी अपना समर्पण दिखाया है। उन्होंने जानकारी साझा करने के लिए विभिन्न संसाधनों और वेबसाइटों को प्रोत्साहित किया है, ताकि लोग आपस में और समाज से जुड़े रहें।
इसके अलावा, गूगल ने भारत सरकार और स्वास्थ्य संस्थानों के साथ मिलकर कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान को समर्थन दिया है, जिससे लोगों को अधिक जानकारी और रिसोर्सेस मिले हैं। गूगल का यह समर्थन न केवल सुरक्षित रहने में मदद कर रहा है, बल्कि भारतीय समाज को समृद्धि और सशक्ति की दिशा में भी साथी बना रहा है।
2022: गूगल फ़ॉर इंडिया प्रोजेक्ट
आज: गूगल का अविरल संबंध
इस परिप्रेक्ष्य में, गूगल ने भारत में विशेष रूप से अपनी कुछ महत्वपूर्ण सेवाओं का विस्तार किया है, जैसे कि Google Pay, जिसके माध्यम से डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवाओं को आसान और सुरक्षित बनाया गया है। इससे न केवल शहरी आबादी, बल्कि ग्रामीण इलाकों के लोग भी डिजिटल अर्थव्यवस्था के प्रति जागरूक हो रहे हैं। इसके अलावा, गूगल की शिक्षा संबंधित सेवाएँ, जैसे Google Classroom और Google Meet, ने शिक्षा को और अधिक सुलभ बनाया है, विशेषकर ऐसे समय में जब विश्वव्यापी महामारी ने शैक्षिक संस्थानों को डिजिटल माध्यमों की ओर उन्मुख किया।
गूगल का भारत में यह प्रयास कि वह स्थानीय भाषाओं में अपनी सेवाओं को उपलब्ध कराए, विशेषकर Google Assistant का हिंदी, मराठी, तमिल, तेलुगु जैसी कई भारतीय भाषाओं में समर्थन, इस बात का प्रमाण है कि कंपनी भारतीय बाजार को कितना महत्व दे रही है। इससे स्थानीय उपभोक्ताओं को अपनी मातृभाषा में तकनीकी सेवाओं का लाभ उठाने में सुविधा होती है।
इन सभी प्रयासों के साथ, गूगल ने भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम को भी बढ़ावा दिया है। गूगल फॉर स्टार्टअप्स जैसी पहलों के माध्यम से, नवोन्मेषी उद्यमियों को अपने विचारों को वास्तविकता में परिणत करने के लिए संसाधन, प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है। इस तरह, गूगल भारतीय बाजार में नवाचार और उद्यमशीलता को प्रोत्साहित कर रहा है, जो दीर्घकालिक आर्थिक विकास और समाज के सर्वांगीण विकास में योगदान दे रहा है।
इस प्रकार, गूगल ने भारत में अपनी उपस्थिति और प्रभाव के माध्यम से न केवल तकनीकी क्षेत्र में, बल्कि सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह भारतीय समाज को एक डिजिटली सशक्त और जुड़े हुए भविष्य की ओर ले जा रहा है।
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इस पूरी यात्रा के दौरान, हमने देखा कैसे गूगल ने भारत में अपनी उपस्थिति को बढ़ाया है और कैसे यह एक सामाजिक, आर्थिक, और तकनीकी रूप से हमारे जीवन को परिवर्तित कर दिया है। गूगल ने भारतीय उपयोगकर्ताओं को नए और सुधारित तरीकों से जोड़ा है और उन्हें एक संबंधित और तेज से बदलते डिजिटल दुनिया में ले जा रहा है।