Top-10 Tallest Shiva Statue in The World: विश्व में हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण देवता भगवान शिव को समर्पित सबसे ऊँची मूर्तियाँ देखने का एक अद्वितीय अनुभव हो सकता है। ये मूर्तियाँ न केवल आकर्षक हैं, बल्कि विश्व की शिव प्रतिमाओं के श्रेष्ठतम संग्रह का हिस्सा भी हैं। इन ऊँची मूर्तियों की श्रृंगारशीलता और कारिगरी ने लोगों का मन मोह लिया है। हम यहाँ विश्व की 10 सबसे ऊँची शिव मूर्तियों की ओर बढ़ते हैं, जो आकर्षण के साथ-साथ आध्यात्मिकता की भावना को भी प्रकट करती हैं।
Top-10 Tallest Shiva Statue in The World
श्री मुरुगन तेम्पल, बंगलूरु, भारत:
यह मूर्ति एक अत्यधिक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल का प्रतीक है और लोग इसे अपने आध्यात्मिक साधना का महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं। इस तेम्पल का नाम “भगवान शिव का विशाल मूर्ति मंदिर” है और यह विशेष रूप से शिव भक्तों के लिए एक परम पवित्र स्थल है।
इस मूर्ति का निर्माण एक अत्यधिक कठिन तकनीकी प्रक्रिया था और इसकी ऊँचाई उसके अद्वितीयता को प्रमोट करती है। इसकी ऊँचाई की वजह से यह दुनिया में एक अद्वितीय धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है और लोग यहाँ आकर अपनी आत्मा की शांति और स्वाध्याय का आनंद लेते हैं।
इस तेम्पल का आकर्षण उसकी अद्वितीय आर्किटेक्चर, शांति और सकारात्मकता में है, जो यहाँ के आगंतुकों को एक अद्वितीय धार्मिक अनुभव प्रदान करता है। यह तेम्पल भारतीय संस्कृति और धर्म के महत्व को प्रकट करता है और विश्व के लोगों को यह दिखाता है कि आध्यात्मिकता का महत्व क्या है।
श्री मुरारी मोहन मंदिर, अमृतसर, भारत:
यह मंदिर, अपनी आकर्षक शैलीयता और ऊँचाई के साथ, एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में प्रमिलित होता है। इसका नाम “श्री शिवरात्रि देवस्थान” है और यहाँ के महादेव की मूर्ति अत्यंत प्रतिष्ठित है।
इस मंदिर का निर्माण भगवान शिव के प्रति श्रद्धालु भक्तों के द्वारा किया गया था, और यह वहाँ के धार्मिक आदर्शता का प्रतीक है। मंदिर की शिल्पकला और वास्तुकला ने लोगों को हैरान कर दिया है, और यहाँ की ऊँचाई भगवान के प्रति भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है।
इसके अलावा, इस मंदिर के पास स्थित वातावरण भी आध्यात्मिकता को प्रमोट करता है और यहाँ के आगंतुकों को शांति और मनोबल प्रदान करता है। यहाँ आने वाले लोग अपने जीवन में सुख और सांत्वना की खोज करते हैं और धार्मिकता के माध्यम से अपने आत्मा का अध्ययन करते हैं।
इस प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में, यह मंदिर भारतीय संस्कृति और धर्म के महत्व को प्रकट करता है और विश्व के लोगों को यह सिखाता है कि आध्यात्मिक जीवन का महत्व क्या है।
श्री मुर्ति स्थापना, नाथद्वारा, भारत:
इस मूर्ति का उच्च स्थान और उसका स्थानांतरण अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह शिव मूर्ति का स्थान, नाथद्वारा शहर, जो राजस्थान के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है, का हिस्सा है। इसके ऊपर की ऊँचाई ने इसे एक प्रमुख पैलग्रिम दर्शनी स्थल बना दिया है, जहाँ हर साल लाखों लोग आकर्षित होते हैं।
इस मूर्ति का निर्माण भक्तों की बड़ी मेहनत और समर्पण के साथ किया गया है। यह मंदिर शिव की अत्यधिक भक्ति का प्रतीक है और धार्मिक आदर्शता का प्रतीक है।
नाथद्वारा का यह मंदिर राजस्थान के सौंदर्य और समृद्धि को दर्शाता है। इसकी शैलीयता और स्थल का पावन माहौल लोगों को विचारशीलता और आत्मा की खोज में मदद करता है।
इस मंदिर के पास का परिप्रेक्ष्य प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है और यहाँ आने वाले लोग ध्यान और आत्म-साक्षरता के माध्यम से आत्मा की गहरी अध्ययन का आनंद लेते हैं। इस मंदिर का महत्व भारतीय संस्कृति और धर्म के महत्व को प्रकट करता है और लोगों को यह याद दिलाता है कि आध्यात्मिक जीवन का महत्व क्या है।
कोटेश्वर कोइल, नागपत्तिनम, भारत:
यह मंदिर एक प्राचीन धार्मिक स्थल है जो अपनी आकृति, सौंदर्य, और महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। इसकी मुख्य मूर्ति का ऊँचाई 42.7 मीटर होने के बावजूद, यह एक महत्वपूर्ण पूजा स्थल है और स्थलीय लोगों के लिए धार्मिक और आध्यात्मिक आदर्श का प्रतीक है।
इस मंदिर का स्थान समुद्र तट पर होने के कारण यह एक प्राकृतिक सौंदर्य का स्रोत भी है। समुद्र की लहरों की आवाज़ और समुद्र की खरी मिट्टी से निर्मित यह मंदिर यात्री और श्रद्धालुओं को आत्मा की शांति और सांत्वना का अहसास कराता है।
मंदिर के पास की प्राकृतिक सौंदर्य और समुद्र का दृश्य आकर्षक होता है, जो यहाँ के आगंतुकों को भव्य और मनोहारी अनुभव प्रदान करता है। यहाँ की मूर्ति की महिमा और मंदिर के वातावरण का एक दिव्यता है, जो लोगों को आकर्षित करता है और इसे एक आध्यात्मिक संग्रहण स्थल के रूप में मान्यता दिलाता है।
ब्रिस्बेन मुर्ति, ब्रिस्बेन, ऑस्ट्रेलिया:
यह विश्व की सबसे ऊँची शिव मूर्तियों में से एक है, जिसकी ऊँचाई 32 मीटर है और यह ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन शहर में स्थित है। इस महाकाव्य मूर्ति को “ब्रिस्बेन के शिव” के नाम से भी जाना जाता है और यह एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में उपस्थित है।
इस शिव मूर्ति का निर्माण एक उपयुक्त मैदान पर किया गया है और यहाँ पर दर्शनीय पारिस्थितिकी सुंदरता का आनंद लिया जा सकता है। इसका दर्शन करने के लिए, लोग ब्रिस्बेन के दरबार में आते हैं और इस महाकाव्य मूर्ति के सामने आकर अपनी भक्ति और श्रद्धा व्यक्त करते हैं।
यह मूर्ति हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण प्रतीक होती है और विश्वभर के लोग इसे धार्मिकता, शांति, और सामर्पण की प्रतीक के रूप में मानते हैं। इसकी ऊँचाई और उपस्थिति इसे एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बनाते हैं, जो ब्रिस्बेन के संस्कृति और धार्मिक धरोहर का हिस्सा है।
विश्व शिव पार्वती, मैशोर, भारत:
यह मूर्ति की ऊँचाई 25 मीटर है और यह कर्नाटक के मैशोर शहर में स्थित है। इस महान मूर्ति का नाम “भगवान बाहुबली” है, और यह जैन धर्म के महत्वपूर्ण प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त है।
इस अद्भुत मूर्ति का निर्माण चिक्कमगलूरु जिले के एक पर्वत पर हुआ था, और इसके निर्माण में कई वर्षों की मेहनत और संघर्ष लगे थे। भगवान बाहुबली की यह मूर्ति एक आत्म-संयमी और धार्मिक जीवन के प्रतीक के रूप में मानी जाती है, और यहाँ के लोग इसे अपने आदर्श के रूप में पूजते हैं।
इस मूर्ति का दर्शन करने के लिए, पर्वत पर एक विशाल स्मारक और पिल्ग्रिमेज स्थल बनाया गया है, जहाँ से लोग आकर्षण के सौंदर्य का आनंद लेते हैं और ध्यान में रमते हैं। भगवान बाहुबली की मूर्ति न केवल एक धार्मिक अर्थ में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहर का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है।
ग्रैंड शिव मुर्ति, नाखोन राटचसिमा, थाईलैंड:
इस शिव मूर्ति की ऊँचाई 25 मीटर है और यह थाईलैंड के नाखोन राटचसिमा में स्थित है। इसका नाम “भगवान बिग बुद्ध” है, और यह एक अत्यधिक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो संतों और पर्यटकों के लिए ध्यान और आध्यात्मिक अनुभव का स्रोत है।
यह मूर्ति बुद्ध धर्म के महान आदर्श और शांति के प्रतीक के रूप में मानी जाती है। इसका निर्माण विश्वभर से आए शिल्पकारों के द्वारा किया गया था, और इसकी विस्तारपूर्ण शृंगारिक डिज़ाइन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
भगवान बिग बुद्ध का दर्शन करने के लिए, लोग इस शांतिपूर्ण स्थल पर आते हैं और ध्यान में लिपट जाते हैं। यहाँ से आपको समुद्र के बीच के सुंदर दृश्य का भी आनंद मिलता है, जिससे आपका मानसिक शांति और सुकून मिलता है। इसके अलावा, इस स्थल पर आपको धर्मिक विद्या और शांति के मूल्यों का अध्ययन करने का मौका भी मिलता है।
नेपाल शिव मुर्ति, काठमांडू, नेपाल:
यह मूर्ति 23.6 मीटर की ऊँचाई पर है और यह नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित है। इसका नाम “स्वयम्भू नाथ मन्दिर” है, और यह हिन्दू धर्म के एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में महत्वपूर्ण है।
इस मन्दिर में स्वयम्भू नाथ भगवान की मूर्ति स्थापित है, जो हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं। यहाँ के पुजारियों और पर्यटकों के लिए यह स्वयं में एक आध्यात्मिक और मानसिक शांति का स्थल है, जहाँ वे ध्यान और तप करते हैं।
स्वयम्भू नाथ मन्दिर का निर्माण नेपाली शिल्पकला और वास्तुकला के उत्कृष्ट उदाहरणों में से एक माना जाता है। इसकी मूर्तियों का डिज़ाइन और संरचना दर्शनीय है, और इसके चारों ओर की सुंदर प्राकृतिक सौंदर्य की ओर आकर्षित करती है।
स्वयम्भू नाथ मन्दिर ने नेपाल की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को और भी महत्वपूर्ण बनाया है, और यह वहाँ के लोगों के लिए गर्व का स्रोत है
श्री बड़ी गणेश, फिजी:
यह मूर्ति 23 मीटर की ऊँचाई पर है और यह फिजी के सुवा में स्थित है। इस अद्वितीय और प्रेरणास्पद मूर्ति का नाम “सुवा माई” है, और यह फिजी के कल्चर, इतिहास, और धर्म का महत्वपूर्ण प्रतीक है।
सुवा माई का दर्शन करने के लिए, लोग फिजी के अलग-अलग हिस्सों से इस स्थल पर आते हैं और इस पवित्र स्थल का आदर करते हैं। यहाँ पर हर दिन आराधना और पूजा की जाती है, जिसमें स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय यात्री भी भाग लेते हैं।
सुवा माई के पास की प्राकृतिक सौंदर्य और समुंदर के किनारे की शांति वाली माहौल भी बहुत प्रसिद्ध हैं। यह जगह पर्यटकों के लिए आत्मा की शांति पाने और ध्यान करने के लिए एक आदर्श स्थल है, और फिजी की सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इसके साथ ही, सुवा माई फिजी के लोगों के लिए एक गर्व का प्रतीक है, जो उनके धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को मजबूती से दर्शाता है।
श्री विश्वनाथ मंदिर, खजुराहो, भारत:
यह मंदिर शिव मूर्ति की ऊँचाई 20 मीटर है और यह मध्यप्रदेश के खजुराहो में स्थित है। इस मंदिर का नाम “लक्ष्मण तेम्पल” है और यह खजुराहो के विख्यात खजुराहो गुप्त मंदिरों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
लक्ष्मण तेम्पल को 10वीं और 11वीं सदी के बीच निर्माण किया गया था और यह हिन्दू धर्म के पूर्वकल्याण मंदिरों का अद्वितीय उदाहरण है। इस मंदिर का विशेषत: शिखर, खजुराहो के अन्य मंदिरों की तरह, वीरता और कामशास्त्र की अलंकरण कला में ध्यान देने वाली मूर्तियों के साथ अद्वितीय और रचनात्मक शृंगारिक डिज़ाइन की है।
लक्ष्मण तेम्पल का दर्शन करने के लिए लाखों पर्यटक इसे दुनिया भर से आते हैं और खजुराहो के सांस्कृतिक धरोहर का अद्वितीय महत्व समझते हैं। इसकी सुंदर संरचना और विस्तारपूर्ण गुफाएं इसे भारतीय स्थापत्यकला का एक महत्वपूर्ण उदाहरण बनाती हैं और खजुराहो के संस्कृतिक धरोहर को जीवंत रूप से दिखाती हैं।
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निष्कर्षण
ये ऊँची शिव मूर्तियाँ न केवल अपनी ऊँचाई में बल्कि अपनी आदर्शता और श्रृंगारशीलता में भी अनूठी हैं। ये शिव प्रतिमाएँ आध्यात्मिकता की अद्वितीय भावना को प्रकट करती हैं और शिव भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल के रूप में खड़ी होती हैं। विश्व भर में फैले इन मंदिरों की सुंदरता और धार्मिक महत्व ने लोगों के मनोबल को बढ़ाया है और उन्हें आशीर्वादित महसूस कराया है।